हिंदी शायरी



हिंदी शायरी दोस्ती के लिये




दोस्तों की कमी को पहचानते हैं हम

दुनिया के गमो को भी जानते हैं हम

आप जैसे दोस्तों का सहारा है

तभी तो आज भी हँसकर जीना जानते हैं हम




आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी

जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगी

कभी पलटोगे जिंदगी के ये पन्ने

तब शायद आपकी आंखों से भी बरसातें होंगी




कोई दौलत पर नाज़ करते हैं

कोई शोहरत पर नाज़ करते हैं

जिसके साथ आप जैसा दोस्त हो

वो अपनी किस्मत पर नाज़ करते हैं




हर खुशी दिल के करीब नहीं होती

ज़िंदगी ग़मों से दूर नहीं होती

इस दोस्ती को संभाल कर रखना

क्यूंकि दोस्ती हर किसी को नसीब नहीं होती




रेत पर नाम लिखते नहीं

रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं

लोग कहते हैं पत्थर दिल हैं हम

लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं




दिल से दिल की दूरी नहीं होती

काश कोई मज़बूरी नहीं होती

आपसे अभी मिलाने की तमन्ना है

लेकिन कहते हैं हर तमन्ना पुरी नहीं होती




फूलों से हसीं मुस्कान हो आपकी

चाँद सितारों से ज्यादा शान हो आपकी

ज़िंदगी का सिर्फ़ एक मकसद हो आपका

कि आंसमा से ऊँची उड़ान हो आपकी




वक्त के पन्ने पलटकर

फ़िर वो हसीं लम्हे जीने को दिल चाहता है

कभी मुशाकराते थे सभी दोस्त मिलकर

अब उन्हें साथ देखने को दिल तरस जाता है 


रोमांटिक हिंदी शायरी

 



जिन्‍दगी उसकी है यारो, जिसके दिल में प्‍यार है

‍रूप उसका है कि जिसके, पास में श्रृंगार है

फूल में खुशबू ना हो तो, बोलिए किस काम का

दिल अगर बेकार है तो, शायरी बेकार है





हादसे इंसान के संग, मसखरी करने लगे

लफ़्ज़ क़ागज़ पर उतर, जादूगरी करने लगे

क़ामयाबी जिसने पाई, उनके घर तो बस गये

जिनके दिल टूटे वो आशिक़, शायरी करने लगे





हर खुशी आएगी पहले, ग़म उठाना सीख लो

रौशनी पानी है तो फिर, घर जलाना सीख लो

लोग मुझसे पूछते हैं, शायरी कैसे करूं

मैं ये कहता हूं किसी से, दिल लगाना सीख लो





मोहब्‍बत के अंजाम से डर रहे हैं

निगाहों में अपनी लहू भर रहे हैं

मेरी प्रेमिका ले उडा और कोई

इक हम हैं कि बस शायरी कर रहे हैं





वो लिख देते रोज और हम कभी कभी ही लिख पाते हैं

वो कहते हर बात, हमें क्या कहना सोच नहीं पाते हैं





एक तरफ प्यार हमे करते हो, एक तरफ रूलाते क्यूँ हो?

मेरे दर्द-ए-दिल के अफसाने पर मुस्कुराते क्यूँ हो?





मोहब्बत भी अजब शै है जो शब्दो मै नही बधती,

अजब सी एक कशीश है ये, जो बाधे से नही बधती

 

कुछ बिंदास कुछ ख़ास...

 




कभी हौंसला भी आजमाना चाहिए

बुरे वक़्त मे भी मुश्काराना चाहिए

जब दस दिनों मे खुज़ली ना मिटे

तो ग्याराहवे दिन नहाना चाहिए






सारे धोबी मारे मारे फ़िर रहे हैं

क्यूंकि उनके गधे नहीं मिल रहे हैं

गुप्त सूत्रों से पता लगा है कि

सारे गधे एस एम् एस पड़ रहे हैं






खुश रहे सदा ये दुआ है मेरी

तेरी प्रेमिका ही बन जाए भाभी तेरी






हाथी ने कहा जाकर हथिनी की कबर पर

सदके जाऊँ तेरी पतली कमर पर








तेरे इंतज़ार मे इस कदर वक्त बिता रहे हैं

तेरे इंतज़ार मे इस कदर वक्त बिता रहे हैं

कभी पिज्जा तो कभी आइसक्रीम खा रहे हैं






वो आज भी हमे देखकर मुस्कराते हैं

वो आज भी हमे देखकर मुस्कराते हैं

वो तो उनके बच्चे ही कमीने हैं

जो हमे मामा मामा कहकर बुलाते हैं






यूं देखा ना करो हमे हँसते हँसते

यूं देखा ना करो हमे हँसते हँसते

मेरे दोस्त बहुत ख़राब हैं

कह देंगे भाभीजी नमस्ते






बोतलें छुपा लो कबर मे

कब्रिस्तान मे पीया करना

जब मांगे हिसाब खुदा तो

पैग बना के दिया करना






आशिक पागल हो जाते हैं प्यार मे

जो कसार रह जाते है वो

पुरी हो जाती है इंतज़ार मे

मगर यह उनकी दिलरुबा नहीं समझती

वो बैठकर चली जाती है किसी और की कार मे






रामचन्द्रजी कह गए सिया से, ऐसा कलयुग आएगा

दोनों तरफ़ से एस एम् एस होंगे फोन कोई नहीं लगायेगा






अपने हुस्न पर नाज़ ना कर पगली

हमे पता है कि तू रोज़ लगाती है फेयर एंड लवली  

 

दिलजलों की शायरी 

 




(1)

तू पहले ही है पिटा हुआ, ऊपर से दिल नाशाद न कर,

हो गई ज़मानत तो जाने दे, वो जेल के दिन अब याद ना कर,

तू उठ के रात को 12 बजे ,विह्स्की रम की फ़रियाद ना कर,

तेरी लुटिया डूब चुकी है , ऐ इश्क़ मुझे बर्बाद न कर....

(२)

खा के क़स्में प्यार की आए यहाँ,

गर्दिशों में पेंच ढीले हो गये,

ढूँढते हम फिर रहे हैं नौकरी,

और उनके हाथ पीले हो गये !!!

(३)

नंबर वाला पहन लिया चश्मा,

अब बड़ों में शुमार हमारा है,

आँखों में जो बसी थी कभी,

उसने भी अंकल कह के पुकारा है!

(४)

लड़की कहाँ से लाऊँ मै शादी के वास्ते,

शायद के इसमें मेरे मुक़द्दर् क दोष है,

अज़रा,नसीम,सना ओ सबा भी गईं,

एक शमा रह गई है सो वो भी खामोश है !

(५)

6 महीने ही में ये हाल हुआ शादी के,

साल तो दूर है फिर कभी ख्वाबों में मिलें,

इस तरह रक्खा है बेगम ने मुझे घर में,

जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें.


आशिक-माशूक के शायरी

 


shayri

ये सब कहने की बातें हैं कि उन को छोड बैठे हैं।

जब आंखें चार होती हैं मौहबत आ ही जाती है ।।



बाहों मे मेरी झूलकर, गर नजरों से पिलाओगी तुम।

हम तो होश गवा देंगें,जन्नत् मे पहुच जाओगी तुम॥



क्या जवाब दोगे, तुम सनम खुदा के दरबार मे।

जब पूछेगा वह, क्या क्या गुल खिलाए प्यार मे॥



वीरान हो गई जिन्दगी दिल खण्डहर बन गया।

हलचल मची थी ऎसे बवन्डर आ गया ॥



मोहबत के लिए कुछ खास दिल महसूस होते हैं।

यह वह नगमा है जो हर साज पे गाया नही जाता॥



यह इश्क नही आसां , इतना ही समझ लिजिए

इक आग का दरिया है, और डूब के जाना है ॥



इतनी बेदर्दी से दिल को मेरे वो तोड देगी,

ये मालूम न था मुझे अकेले वो छोड देगी ।



ऎ मेरे मासूम दिल, तू तन्हाई से प्यार कर ले,

बेवफा भी अब वफा का साथ छोड देगी ॥



नींद कैसे आयेगी , जब हसीना बैठी हो सामने।

आदत ऎसी डाल दी, सनम, पागल दिल को अपने॥



ऎ नाजनीना ! ना देख, तू हमे इतने प्यार से ।

याद आयेंगें वह दिन, जव नजरें मिली थी प्यार से॥



तेरे इस रुप ने जानी मुझे पागल बनाया है।

तुझे देखा तो यह सोचा जमीं पे चांद आ गया है॥



सनम बैठे हो पैहलू मे मेरे, फिर भी मुझे सता रहे हो ।

यू मिलाओ इन होठों से होंठ, लगे जाम साकी पिला रहे हो ॥



जब अदायें दिखाती हुई, गुजरती है हसीना सामने से।

याद उनकी आ जाती है, और आहें निकलती है इस दिल से॥

 

शायरी और सिर्फ शायरी

 


कोई आज भी हम पर कुछ लम्हे बरबाद तो करता है



ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नही होती,

हर बात समझाने के लिए नही होती,

याद तो अक्सर आती है आप की,

लकिन हर याद जताने के लिए नही होती



महफिल न सही तन्हाई तो मिलती है,

मिलन न सही जुदाई तो मिलती है,

कौन कहता है मोहब्बत में कुछ नही मिलता,

वफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती है



कितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती है

प्यास भुजती नही बरसात गुज़र जाती है

अपनी यादों से कह दो कि यहाँ न आया करे

नींद आती नही और रात गुज़र जाती है



उमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैं,

वक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैं,

सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करें,

लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते हैं



कभी कभी दिल उदास होता है

हल्का हल्का सा आँखों को एहसास होता है

छलकती है मेरी भी आँखों से नमी

जब तुम्हारे दूर होने का एहसास होता है



मजेदार शायरी

 

कितनी जल्दी ये
मुलाक़ात गुज़र जाती है ,

प्यास बुझती नही बरसात गुज़र जाती है,

अपनी यादों से कह दो न आया करें,

नींद आती नही और रात गुज़र जाती है.



ऐ दोस्त तेरी दोस्ती पर नाज़ करते है

हर वक्त मिलने की फरियाद करते है

हमे नही पता लेकिन घरवाले बताते है

कि हम नींद में भी आपसे बात करते हैं



चिरागों से अगर अंधेरे दूर होते तो

चांदनी की चाहत किसे होती,

कट सकती अगर ये जिंदगी अकेले तो

दोस्त नाम की चीज़ ही क्यों होती



हमे हँसने हँसाने की आदत है,

नज़रों से नज़रें मिलाने की आदत है,

पर हमारी नज़र तो उनसे है जा मिली,

जिन्हें नज़रें झुका के शर्माने की आदत है



सांसों मैं डाल कर रखना

दिल के पिंजरे मैं पाल कर रखना

टूटे दिल को सकूं देंगी ये यादें

इन यादों को सदा सम्हाल कर रखना



फिर चुपके से याद आ गया कोई,

मेरी आखों को फिर रुला गया कोई,

कैसे उसका शुक्रिया अदा करें,

मुझ नाचीज़ को शायर बना गया कोई.



यह प्यारी निगाहें याद रहेंगी,

मिल कर न मिलने की अदा याद रहेगी,

मुमकिन नही की मैं तुम्हे भुला दूँ,

क्यूंकि उमर भर तुम्हें भी मेरी याद आती रहेगी



पत्ती-पत्ती गुलाब क्या होगी,

हर कली महज ख्वाब क्या होगी !

जिसने लाखों हसीं देखे हो,

उसकी नियत ख़राब क्या होगी !!



सुनो गौर से पेप्सी वालो,

बुरी नज़र न कोक पे डालो

चाहे इतना ड्यू पिला लो,

सबसे आगे होगा नीम्बू पानी !


 

 


 

 

 

 

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